जोड़ों के दर्द का यह भारतीय तरीका वाकई में आश्चर्यजनक है'। जाने-माने जर्मन रूमेटोलॉजिस्ट ने भारतीय मीडिया में एक बिंदास इंटरव्यू दिया

20.12.2020
कॉल क्रिश्चमायर बर्लिन रूमेटोलॉजी सेंटर ट्यूमर जेंत्रुम ईवा मायर-स्टिहल के हेड, दुनिया में जाने-माने चैरिटे-क्लीनिक में:
जोड़ों की बीमारियों के पीछे केवल एक ही चीज होती है जिसे भारतीय डॉक्टर पूरी तरह से नजरअंदाज कर देते हैं।
img डॉ कार्ल किर्श्चमायर: 'भारत में जोड़ों की बीमारियों का इलाज पुरानी और बेअसर दवाओं से किया जाता है जिन्हें जिंदगी भर लेने की जरूरत होती है। वहीं यूरोप में जोड़ो का इलाज इतना आसान हो गया है जितना आम सर्दी का।
पिछले साल कार्ल किर्श्चमायर भारत आए थे जहां उन्हें भारतीय डॉक्टरों के अनुभव समझने का मौका मिला। उन्होंने जो भी यहां देखा उससे वे आश्चर्यचकित रह गए। कार्ल किर्श्चमायर मानते हैं कि हमारे देश में रूमेटोलॉजी साइंस पिछली शताब्दी के स्तर पर ही अटका हुआ है।
जर्मनी में कई हाईप्रोफाइल कॉन्फ्रेंस करने के बाद डॉक्टर कार्ल किर्श्चमायर ने भारतीय मीडिया को एक इंटरव्यू देने के लिए सहमति दे दी। जाने-माने डॉक्टर को भारत के इलाज करने के तरीके में क्या खराब लगा और वह यह क्यों कहते हैं कि भारत के जोड़ों के दर्द के मरीज कभी ठीक नहीं होंगे?
- जर्मन पत्रकारों के प्रश्नों का जवाब देते समय आपने कहा था कि आप भारत में जो कुछ हो रहा है वह देख कर चौक गए थे। क्या आप इस बारे में और बता सकते हैं?
- देखिए सबसे पहले मैं यह बता दूं कि मुझे भारत देश, भारतीय संस्कृति या यहां के लोगों से कोई परेशानी नहीं है। लेकिन मैं यह बता दूं कि आपके देश में स्वास्थ्य सेवाओं का हाल वाकई में बहुत खराब है। यह कम से कम 20, और हो सकता है 30 साल पीछे चल रही हैं। कम से कम जब बात जोड़ों और मस्क्यूलोस्केलेटल सिस्टम की बीमारियों की इलाज की आती है तो यही लगता है। हम यह कह सकते हैं कि भारत में रूमेटोलॉजी एक विज्ञान के रूप में अस्तित्व में ही नहीं है।
चलिए देखते हैं भारतीय डॉक्टर इलाज के लिए कौन-कौन सी दवाई लिखते हैं - Viprosal, Dolgit, Voltaren/Fastum जैल, Diclofenac, Teraflex, Nurofen और इसी तरह की दूसरी दवाएं।
लेकिन इन दवाओं से जोड़ और कार्टिलेज ठीक नहीं होते, इनसे सिर्फ लक्षणों में आराम मिलता है - मतलब इनसे दर्द, सूजन आदि बस कम होते हैं। अब जरा सोचिए कि शरीर के अंदर क्या हो रहा होता है। जब हम कोई दवाई लेते हैं, या कोई एनेस्थेटिक जेल लगाते हैं यह हमें इंजेक्शन लगता है तो दर्द चला जाता है। लेकिन जैसे ही दवा का असर खत्म होता है तुरंत दर्द वापस आ जाता है।
दर्द हमारे शरीर के लिए एक बहुत महत्वपूर्ण संकेत होता है जो जोड़ों की बीमारियों की ओर इशारा करता है। जब हम केवल दर्द को दबाते हैं तो खराब हो रहे जोड़ों पर और भी लोड पड़ता है। यह 3 से 5 गुना ज्यादा तेजी से खराब होने लगते हैं जिससे ऐसे बदलाव हो जाते हैं जिन्हें फिर से ठीक नहीं किया जा सकता और वह पूरी तरह से अपाहिज भी हो सकता है।
यूरोप में जोड़ों के दर्द का यह तरीका 20 साल पहले ही बंद हो चुका है। वहाँ पेनकिलर केवल तभी दी जाती है जब बहुत इमरजेंसी हो और इन्हें भी बहुत सावधानी से सीमित मात्रा में। जर्मनी में तो इन्हें केवल डॉक्टर के पर्चे पर कड़े कंट्रोल में ही खरीदा जा सकता है।
तथाकथित 'कोंड्रोप्रोटेक्टर' तो पूरी तरह प्रतिबंधित है क्योंकि यह बेकार की दवाएं हैं और इन पर पैसे खर्च करना बेवकूफी होता है।
आपके यहां के डॉक्टर और दवाई के दुकान वाले लोगों को अपाहिज बना रहे हैं! यह साफ है कि इन महंगी पेनकिलर बेचने से लक्षणों में आराम जरूर मिल जाता है और ये इनके लिए बीमारी को हमेशा के लिए ठीक कर देने से कहीं ज्यादा मुनाफे का सौदा होते हैं। लेकिन ये ऐसा करने की हिम्मत कैसे कर सकते हैं!
- जर्मनी में जोड़ों के इलाज की क्या स्थिति है?
- सभी जर्मन डॉक्टर, रूमेटोलॉजिस्ट, जनरल प्रैक्टिशनर और पैरामेडिक्स लंबे समय से यह जानते हैं कि बीमारी के इलाज के लिए उसकी जड़ पर काम करना पड़ता है ना कि लक्षणों पर। इससे पूरी तरह से, तेजी से और सुरक्षित तरीके से बीमारी ठीक होने की गारंटी मिलती है। और देखिए जोड़ों की समस्याओं का मुख्य कारण आखिर होता क्या है? रक्त प्रवाह में गड़बड़ियों और सिनोवियल फ्लूइड के प्रवाह में विकारों के कारण और ओर्थो-साल्ट्स का जमा हो जाना।
यूरेट या यूरिक एसिड के ट्रू साल्ट, जो वात की जड़ होते हैं।
ओस्टियोफ़ाइट्स या कैल्साइन साल्ट्स से ही जोड़ो और रीढ़ की हड्डियों की 97% बीमारियां होती हैं। यह बीमारियां हैं, सभी प्रकार के आर्थराइटिस और ओस्टियोआर्थराइटिस, डीडीडी, ऑस्टियोपोरोसिस, रूमेटिज्म, बार्सिटिस और यहां तक कि हाइड्रोमा भी। इन सभी बीमारियों की एक ही जड़ होती है - ओस्टियोफाइट्स का जमा हो जाना।
जोड़ों की संरचना पर जम चुके सॉल्ट आसपास के ऊतकों, अर्थात हड्डी और कार्टिलेज को रेगमाल की तरह घिसकर खराब करने लगते हैं। बढ़ते सॉल्ट क्रिस्टल मांसपेशियों के ऊतकों, नसों, रक्त की धमनियों और कैपिलरियों को नुक्सान पहुंचाते हैं। इससे सूजन, इंफेक्शन और भयानक दर्द होता है।
सीरियस हो चुके मामलों में ओर्थों-सॉल्ट के बड़े-बड़े टुकड़े हड्डी के एक बड़े हिस्से को आसानी से तोड़ सकते हैं जिससे जोड़ पूरा खराब और स्थाई रूप से अपाहिज हो सकता है।
एक बहुत ही खतरनाक मिथ्या यह है कि कैल्शियम जोड़ों के लिए अच्छा होता है। जी हां, कैल्शियम अच्छा होता है लेकिन केवल तब जब आपके जोड़ स्वस्थ होंगे। जब जोड़ों में दर्द होता है या उनमें क्रैक होता है तो इसका अर्थ यह होता है कि ओस्टियोफाइट्स की एक परत उनके चारों ओर पहले ही जम चुकी है। कैल्शियम हड्डियों के ऊतकों को मजबूती तो देता है लेकिन ओस्टियोफाइट भी लाता है जिससे उनकी बढ़त और तेज हो जाती है।
इसलिए जर्मन रूमेटोलॉजिस्ट सबसे पहले खराब हो रहे जोड़ में रक्त प्रवाह वापस लाते हैं जिससे कई सालों से जमा हो रहा ओर्थों-साल्ट बाहर निकलें। इसी से सिनोवियल फ्लूड का प्रवाह सामान्य होता है और जोड़ों के ऊतकों की रिकवरी शुरू हो जाती है।
img साल्ट-क्रिस्टल जोड़ों की सतह पर ओर्थों-साल्ट की 'बढ़त' - सभी बदलावों की जड़
बड़ी अजीब बात है लेकिन जोड़ वापस ठीक होने की बहुत अच्छी क्षमता रखते हैं और इस तरह अपने आप ठीक हो सकते हैं जैसे किसी छिपकली की पूंछ हो जाती है। इन्हें बस ऑर्थो-सॉल्ट के जमावड़े को साफ करने में थोड़ी मदद की जरूरत होती है और बाकी की प्रोसेस ये खुद शुरू कर लेते हैं।
पिछली शताब्दी के 90 के दशक में स्विट्जरलैंड के वैज्ञानिकों ने एक तरह के क्वासी विटामिन बी के एक खास प्रकार को विकसित करने में सफलता पा ली थी। इसे अल्फा-आर्टरोफ़ीरोल भी कहा जाता है। किसी प्राकृतिक घटकों को संश्लेषित करके बनाया जाता है जैसे कि फ़र-नीडल ऑयल, हिरणों के सींग, बेयरिश रेड रूट और 50 से भी ज्यादा दूसरे एक्स्ट्रैक्ट।
यह पदार्थ ओर्थो-साल्ट्स के अणुओं में भी प्रवेश करने की क्षमता रखता है और उन्हें अंदर से तोड़ता है जिससे जोड़ों की सतह साफ हो जाती है, रक्त और सिनोवियल फ्लूइड का प्रवाह वापस सामान्य हो जाता है। इसका असर स्थाई रहता है! या यह कहें कि तब तक बना रहता है जब तक कि सॉल्ट दोबारा नहीं जम जाते (लेकिन ऐसा होने में कई दशक लग जाते हैं)। इसमें आपको दर्द और सूजन से राहत पाने के लिए लगातार दवाइयां नहीं लेनी पड़तीं। अब आपको इस बात का भी डर नहीं होता कि आप के जोड़ कहीं हमेशा के लिए निष्क्रिय ना हो जाएं और आप कहीं अपाहिज ना हो जाएं। लोग कई दशकों तक पूरी तरह स्वस्थ बने रहते हैं।
जब मैंने भारतीय मेडिकल आंकड़े देखें तो मेरे तो रोंगटे खड़े हो गए। क्या आप जानते हैं भारत में अपाहिज होने का सबसे बड़ा कारण क्या है? यह ना तो कैंसर है ना एड्स और ना डायबिटीज, यह ओस्टियोआर्थराइटिस है! जर्मनी में तो ओस्टियोआर्थराइटिस का इलाज चार से छह हफ्तों में ही बिना महंगी दवाओं के कर दिया जाता है वही भारत में यह पेशेंट को अपाहिज करके रहता है!
आज जर्मनी में जोड़ों की बीमारियों को खतरनाक नहीं माना जाता। मैं भयानक एक्सीडेंट से होने वाली चोटों की बात नहीं कर रहा जैसे: फ्रैक्चर, हड्डियां बुरी तरह टूट जाना आदि। दर्द और सूज चुके जोड़ उनमें जमा हो चुके साल्ट के लक्षण ही हैं जिन्हें सफाई की जरूरत होती है। 4 से 6 हफ्ते के जोड़ो की सफाई के कोर्स से वे अपनी सामान्य अवस्था में वापस आ सकते हैं और समस्याएं अगले दशक तक तो नहीं होतीं।
जोड़ों की बीमारियां, जिन्हें भारत के लोग अलग से ठीक करना चाह रहे हैं उन्हें यूरोप में एक ही बीमारी के अंदर देखा जाता है जिसे जॉइंट कैल्सीनोसिस कहते हैं। इसमें शामिल हैं:
  • वात
  • आर्थराइटिस
  • ओस्टियोआर्थराइटिस
  • डिजनरेटिव डिस्क डिजीज
  • रूमेटिज्म
  • होस्ट प्रोसेस
  • बर्सिटिस
  • सिनोविटिस
  • हाइब्रोमा
एक बहुत छोटी लिस्ट है लेकिन दूसरी बीमारियां इन मुख्य 9 बीमारियों के अंदर ही आती हैं। उदाहरण के लिए कॉक्स आर्थ्रोसिस एक तरह की ओस्टियोआर्थराइटिस ही है आदि।
बीमारियों की यह लंबी लिस्ट बहुत आसानी से ठीक हो जाती है और इसके लिए सिर्फ जोड़ों की सफाई करनी होती है। यह पूरी तरह सुरक्षित है, इसमें लंबे मेडिकल इलाज की जरूरत नहीं पड़ती और इसे घर पर ही किया जा सकता है।
- आप लोग जर्मनी में जोड़ों की सफाई कैसे करते हैं?
- आज जर्मनी में ऐसी कई खास चीजें मिलती हैं जो जोड़ों के सॉल्ट डिपॉजिट साफ कर देती हैं। इन में अल्फा-आर्टरोफ़ीरोल होते हैं। उदाहरण के लिए एक बहुत अच्छा ब्रांड है Herbex Pain Oil. इसमें मिलाया गया अल्फा-आर्टरोफ़ीरोल एक खास प्रकार का होता है जो आसानी से अवशोषित हो जाता है।
Herbex Pain Oil का एक और फायदा यह है कि इसमें सिस्टम ओर्थ्रो-विटामिन और ट्रेस एलिमेंट्स का एक कॉम्प्लेक्स होता है जिसे जोड़ों के ऊतकों की मजबूती बढ़ाने के लिए डिजाइन किया गया है। यह हड्डियों और कार्टिलेज ऊतकों, सिनोवियल फ्लूइड, लिगमेंट और टेंडन तथा मांसपेशियों के रेशों के लिए बहुत ही अच्छा असर करता है। दूसरे शब्दों में कहें तो यह एक व्यापक और बहुआयामी असर वाला ब्रांड है।
Herbex Pain Oil में 50 से भी ज्यादा चीजें होती हैं। में इन सभी के नाम तो नहीं लिखूंगा, केवल मुख्य चीजों के बारे में बताऊंगा:

कपूर

कार्टिलेज उत्तक को मजबूती दे कर उसे टोन करती है, उसकी लचक बढ़ा देती है और घिसने के विरुद्ध प्रतिरोध बढ़ जाता है

पेपरमिंट

छोटी कैपिलरी की पारगम्यता सामान्य करती है

Nigēlla satīva

जोड़ों के उत्तरों की सूजन और इन्फेक्शन से आराम देता है, उनके खराब होने की प्रोसेस को रोक देता है

Hippóphaë

ऑर्थो-साल्ट्स के जमावड़े को नष्ट कर देता है, उन्हें नरम करके छोटे-छोटे टुकड़ों में बांट देता है जिससे ये साफ हो जाते हैं

Salix

रक्त की धमनियों को चौड़ा कर देती है, जोड़ों की और रक्त प्रवाह बेहतर करती है

- जहां तक मुझे पता है Herbex Pain Oil भारत में दवा की दुकानों पर नहीं बेची जाती?
- यह सच है, नहीं बेची जाती। भारत के डॉक्टर यहां के लोगों तो ठीक करने की जगह उन्हें पेनकिलर और कोंड्रोप्रोटेक्टर देते रहना चाहते हैं।
वहीं कुछ ऐसे भारतीय रूमेटोलॉजिस्ट भी है जो एडवांस मेडिसिन में दिलचस्पी रखते हैं और जिन्हें Herbex Pain Oil और इसके गुणों के बारे में पता है। लेकिन फिर भी उन्हें यह दवा लिखने की हिम्मत नहीं होती क्योंकि यह भारत में रिकमंडेड ड्रग्स की लिस्ट में नहीं है।
जहां तक मुझे पता है, Herbex Pain Oil बनाने वाली कंपनी भारतीय मार्केट में आना चाहती थी लेकिन उसे इसकी परमिशन नहीं दी गई और सैकड़ों तरह की बाधाएं डाली गईं । देखिए यह समझने वाली बात है, यदि यह दवाई दुकानों में बिकने लगे तो भारतीय फार्मा माफिया को करोड़ों का नुकसान होने लगेगा। भारत की मेडिकेशन इंडस्ट्री अरबों का बिजनेस है! ऐसा यूरोप में भी है लेकिन यूरोप में यह पूरी इंडस्ट्री सरकार कंट्रोल करती है।
- आप भारत के उन लोगों को क्या सलाह देंगे जो जोड़ों के दर्द से परेशान हैं?
- आम लोग, खासकर 50 से ऊपर के लोग ही भारत की पुराने जमाने की दवाओं कि पहले शिकार होते हैं। लेकिन इसमें उनकी कोई गलती नहीं है क्योंकि पूरा सिस्टम ही ऐसा है।

ऑर्थोपेडिक्स और रुमेटोलॉजी विश्वविद्यालय

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लेकिन सौभाग्य से एक तरीका है। हमारे समाचारपत्र ने यूनिवर्सिटी ऑफ ऑर्थोपेडिक्स एंड रूमेटोलॉजी एवं भारतीय डाक के साथ इस दवा को जोड़ों के दर्द से परेशान भारत के सभी नागरिकों तक डिस्ट्रीब्यूट करने का एक समझौता किया है। यूनिवर्सिटी के स्टाफ ने खास डिस्ट्रिब्यूशन सेंटर बनाया है जहां हमने इस दवा का बैच पहुंचाया है। इसलिए आज के दिन भारत के नागरिक भी Herbex Pain Oil को केवल 2200 inr की कीमत पर ऑर्डर कर सकते हैं और इसकी पूरे देश में फ्री डिलीवरी दी जाएगी।
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कमेंट्स:


img निशांत जैन / नासिक
थैंक्स। बहुत अच्छी चीज है! मुझे 24,000 रुपए देकर एक प्राइवेट डॉक्टर के यहां इंजेक्शन लगवाने पड़े थे। मैंने तो Herbex Pain Oil ऑर्डर कर दी है क्योंकि यह अभी भी स्पेशल रेट पर मिल रही है। मैनेजर ने मुझे बताया कि यह अभी भी उपलब्ध है लेकिन उनके पास कई आर्डर आ रहे हैं। मुझे बड़ी खुशी है कि मुझे इसके बारे में पता चल गया।
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मेरी किस्मत बहुत अच्छी है क्योंकि मुझे Herbex Pain Oil राय करने का मौका मिल गया। यह वाकई में बहुत ही बढ़िया है। मुझे साथ ओस्टियोआर्थराइटिस हो गई थी और मेरी जिंदगी नरक बन गई थी। मैं हार मान चुका था और स्वीकार कर बैठा था कि अब जिंदगी भर दवाइयां और इंजेक्शन लेने पड़ेंगे, लेकिन फिर Herbex Pain Oil का एक कोर्स करते ही दर्द चला गया। दर्द ऐसा गया कि फिर नहीं आया। मैं तो हर किसी को इसकी सलाह दूंगा - यह वाकई में असरदार है!
img महेंद्र गोगरी / भरूच
मैं 63 साल का हूं। 53 की उम्र से ही मेरे घुटनों में बहुत दर्द रहता है। पिछले कुछ महीनों से तो दर्द सहन ही नहीं हो रहा। मेरा एक बचपन दोस्त डॉक्टर है जिसने मुझे इस प्रोग्राम के बारे में बताया और 3 महीने पहले यह दवा लेने को कहा। अब मैं खरगोश जैसे फुदकता हूं... हालांकि मुझे सावधानी से रहना चाहिए। जो भी हो, इससे बढ़िया दवाई तो नहीं है!
img शांति नेमा / अज्ञात
मैंने खास ऑफर में अपना ऑर्डर दे दिया। इन्होंने 5 दिन के अंदर डिलीवरी आने को कहा है जो मुझे पोस्ट ऑफिस में मिल जाएगी। देखो क्या होता है आगे।
img काजल तिवारी
मेरे हिसाब से हमारे डॉक्टर हमें लूटने में बड़े एक्सपर्ट हैं। उन्हें सिर्फ पैसों की चिंता होती है। यह हर 6 महीने में एक इंजेक्शन मुझे देते थे। पिछली गर्मियों में तो मुझे उसने इतनी ज्यादा दवाइयां लिख दीं कि मुझे इलाज शुरू करने में भी डर लग रहा था। उसने तो मेरी दूसरी बीमारियों के बारे में सुना तक नहीं और इसके साइड इफेक्ट्स की कोई बात नहीं हुई। उसे कोई मतलब नहीं था और उसने सिर्फ मुझे उसी ब्रांड की दवाइयां लिखी जो उसे लिखनी थी। हो सकता है दूसरे डॉक्टर अलग हो, लेकिन क्या पता। हमारे यहां के डॉक्टर बहुत बेकार हो चुके हैं। बड़ी खुशी है कि एक किफायती यूरोपियन ब्रांड हमारे देश में आ गया है!
img अंजना मल्होत्रा / चंडीगढ़
हां, हमारे देश में लोग सिर्फ मर सकते हैं। में 59 साल की हूं और मेरे साथ के दो-तिहाई लोग मर चुके हैं, बाकी के तो लगभग अपाहिज हो चुके हैं क्योंकि उनके पैरों, हाथों और पीठ में भयंकर दर्द रहता है... इसे एक बार ट्राई करके तो देखना ही चाहिए।
img दिनेश दुबे / कानपुर
यह दवाई वाकई में जबरदस्त है। मेरा इससे पिछली गर्मियों में इलाज हुआ था (मेरा बेटा मेरे लिए यह जर्मनी से लाया था)। मेरा वात रोग चला गया! अभी तक तो वापस नहीं आया है। मैं खुद भी बड़े आश्चर्य में हूं और ऐसा लगता है मानो मैं फिर से 20 की हो गई हूं। में सभी को इसकी सलाह दूंगी। इसका मौका हाथ से ना जाने दें क्योंकि यह अभी सिर्फ 2490₹ में मिल रही है आपके पास खोने के लिए कुछ नहीं है!
img अंजली मुंबई
मुझे भी Herbex Pain Oil से अच्छे नतीजे ही मिले हैं। मुझे तो हमेशा इंजेक्शन लगते रहे हैं लेकिन Herbex Pain Oil के बाद 1 महीने से मैं पक्षी जैसी उड़ रही हूँ।
img लता विश्वकर्मा / जबलपुर
मुझे भी यह ब्रांड बहुत पसंद आया। पहले मैंने etodolac, meloxicam और फिर cetorol ली। लेकिन फिर अचानक इन सबने असर करना बंद कर दिया। मैं डॉक्टर के पास गई और उसने मुझे नई Herbex Pain Oil लगाने कहा (यह डॉक्टर नई थी और लगता है अभी भी यही मानती थी कि दवाएं लोगों को ठीक करने के लिए होती है उनसे पैसे एंठने के लिए नहीं!)। Herbex Pain Oil पहली बार लगाने के बाद से ही मुझ पर बहुत अच्छा असर करने लगी। मेरा दर्द तो लगभग तुरंत ही चला गया लेकिन मैंने डॉक्टर के बताए अनुसार एक पूरा कोर्स किया। अपनी बात तो मैं भूल ही गई कि मुझे कितना दर्द होता था। अब मुझे बहुत अच्छा लगता है और ऐसा लगता है मानो मैं फिर से जवान हो गई हूँ!
img गर्विता रस्तोगी / पुणे
मेरी पड़ोसन जो 72 साल की है, कई बार अपनी पीठ में दर्द की शिकायत करती रहती थी। लेकिन पिछले महीने मैंने देखा कि वह बड़ी एक्टिव हो गई है और खुश रहने लगी है उसने बताया की वह Herbex Pain Oil लगाती है जो उसका नाती कहीं से उसके लिए लेकर आया था।
img तरुणा भाटिया / पंचकुला
मैंने जर्मन फोरम पर जर्मन लोगों द्वारा Herbex Pain Oil के रिव्यु पड़े थे और अब समझ में आ रहा है कि यह खत्म होने वाली है! भगवान का शुक्र है मैंने समय रहते इसे 2200 inr में आर्डर कर दिया। मुझे फोन पर बताया गया कि आप इसका बहुत कम स्टॉक बचा है।
img पंकज कुमार / पटना
मैं एक दिन जोड़ों के दर्द के एक फोरम पर इंटरनेट में कुछ पढ़ रहा था तब मुझे Herbex Pain Oil के बारे में पता चला। कई लोग इसके नतीजों से फायदा उठा चुके हैं। मैंने भी इसे आर्डर कर दिया और उसे केवल 3 दिन उपयोग करने के बाद इसके असर साफ नजर आने लगे। मेरा दर्द पूरी तरह चला गया और अब जोड़ भी इतनी जोर से नहीं सकते थे ना कि थोड़ी सूजन रहती थी लेकिन पहले से काफी कम थी। में इलाज का पूरा कोर्स करने के बाद फिर से बताऊंगा कि क्या हुआ लेकिन मैं अभी तक तो बहुत खुश हूं।
img केतकी परमार / अज्ञात
थैंक्यू। अपने और अपने पतिदेव के लिए आर्डर कर दी। मैंने उनके कंसलटेंट से पूछा कि यह दवाई की दुकानों में इतना कब शुरू होगी तो उसने कहा कि उसे कुछ नहीं पता। इस ब्रांड को ट्राई करने का यही एक मौका है।
img हर्षिता पमनानी / नागपुर
थैंक्स!